रायपुर: मुंबई में हाल ही में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट ने छत्तीसगढ़ के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के द्वार खोल दिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुंबई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत और रूसी महावाणिज्य दूत से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा जताई और राज्य के अनुकूल कारोबारी माहौल की सराहना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के कारण छत्तीसगढ़ को अब तक लगभग एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। ये प्रस्ताव हाल ही में रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट समिट के दौरान प्राप्त हुए थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों से सीधे संवाद किया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में निवेश का आमंत्रण देते हुए कहा कि हमने नई उद्योग नीति के जरिए निवेशकों के लिए रेड कार्पेट बिछा दिया है। इस दौरान उन्होंने निवेशकों को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख उद्योगपतियों से छत्तीसगढ़ सरकार को छह हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की विशेषताओं को साझा करते हुए कहा कि निवेशकों की पसंद की नीति बनाने के लिए हमने “न्यूनतम शासन-अधिकतम प्रोत्साहन” को ध्येय वाक्य के रूप में अपनाया है। इसके तहत हमने एनओसी की प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया है। अब सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। इससे निवेशकों को काफी राहत मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए या एक हजार लोगों को रोजगार देने वाले उद्योगों को बी-स्पोक नीति का अवसर प्रदान किया गया है।
इस नीति में 30 से 50 प्रतिशत और 200 से 450 करोड़ रुपए तक स्थायी पूंजी निवेश का प्रावधान किया गया है। शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, रोजगार और ईपीएफ प्रतिपूर्ति और 5 से 12 वर्ष तक प्रशिक्षण व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए युग के उद्योगों में निवेश के लिए आकर्षक प्रावधान रखे गए हैं। हम नवा रायपुर में डेटा सेंटर भी शुरू कर रहे हैं। हम नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं और आईटी कंपनियों ने यहां काम करना शुरू कर दिया है। नवा रायपुर एक आधुनिक, सुसज्जित और व्यवस्थित शहर होने के साथ-साथ ग्रीनफील्ड शहर भी है, जिसके कारण यहां आईटी उद्योग के विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, टेक्सटाइल, फूड और एग्रो प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में भी विशेष रियायतें दी गई हैं। हम नवा रायपुर में एक फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इन्वेस्टर कनेक्ट मीट के दौरान अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के महावाणिज्य दूत माइक हैंकी और रूसी महावाणिज्य दूत इवान फेटिसोव से मुलाकात की। इस दौरान महावाणिज्य दूत ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। इस मीट में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त सुश्री रितु सैन और सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
कई प्रमुख उद्योग समूहों ने राज्य में निवेश के लिए प्रस्ताव दिए हैं
इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में अंबुजा सीमेंट लिमिटेड ने राज्य में 2367 करोड़ के निवेश प्रस्ताव की घोषणा की। वहीं, बॉम्बे हॉस्पिटल ट्रस्ट ने राज्य में विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने की इच्छा जताई है, जिसके लिए उन्होंने 700 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नया रायपुर में अस्पताल की स्थापना से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। प्लास्टिक और टेक्सटाइल के क्षेत्र में अग्रणी वेलस्पन समूह ने छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये के निवेश की अपनी योजना साझा की है। वहीं ड्रूल्स कंपनी ने राजनांदगांव में पालतू पशुओं के भोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए 625 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। कंपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 30 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाएगी। इसके साथ ही क्राइटेक टेक्नोलॉजीज ने राज्य में आईटी सेक्टर में 600 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नैनटेक्स मशीनरी ने 45 करोड़ रुपए, नैनटेक्स इंडस्ट्रीज ने 39.50 करोड़ रुपए, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज ने 80 करोड़ रुपए और विजन प्लस सिक्योरिटी ने 50 करोड़ रुपए के निवेश की योजना साझा की है। इन सबके साथ ही छत्तीसगढ़ को अन्य कंपनियों से 6000 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इस दौरान आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की और राज्य में अपने उद्योगों के विस्तार पर चर्चा की। आदित्य बिड़ला समूह ने छत्तीसगढ़ में टेक्सटाइल, पेंट और ज्वेलरी के क्षेत्र में निवेश की संभावना जताई है। गोदरेज समूह के कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश ने भी छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ मोल्डेड फर्नीचर निर्माण के क्षेत्र में निवेश की संभावना व्यक्त की है।
ऊर्जा, इस्पात और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में अग्रणी एस्सार समूह के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. हसीब द्राबू ने छत्तीसगढ़ में ऊर्जा, अधोसंरचना, इस्पात और खनन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावना जताई है। वहीं, क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष संतोष कटारिया ने बैठक के दौरान कहा कि खनिज संसाधनों और आसानी से उपलब्ध कुशल श्रमिकों के कारण राज्य में कपड़ा उद्योग के लिए अच्छी संभावनाएं हैं।