पीतल की शीट के 2000 पन्नों पर उकेरा गया संविधान, वकील साहब का अद्भुत कारनामा

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले एक वकील ने अपनी प्रतिभा को एक अलग ही अंदाज में साबित किया। आज रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर एडवोकेट लोकेश मंगल ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने पीतल की 2000 पन्नों की शीट पर भारतीय संविधान को उकेर कर दुनिया भर में एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है। पीतल से बने इस संविधान का लोकार्पण 25 जनवरी 2025 को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में किया गया। लोकेश को ‘पीतल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसे शुरू हुई कहानी

एडवोकेट लोकेश मंगल ने यह काम 14 अप्रैल 2024 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर शुरू किया। लोकेश ने संविधान के सभी प्रमुख अनुच्छेदों, प्रावधानों और मौलिक अधिकारों को लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर पीतल की 48 गेज शीट पर उकेरा। इस किताब को तैयार करने में कई महीनों की मेहनत और 299 घंटे की लेजर प्रिंटिंग लगी। संविधान की विषय-वस्तु के अलावा इस पुस्तक में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के चित्र, विश्व के 193 देशों के प्रतीक चिह्न, भारतीय रियासतों के मानचित्र तथा लोकसभा और राज्यसभा की कार्य-प्रणाली का भी उल्लेख है। यह पुस्तक संविधान की विषय-वस्तु को हिंदी, संस्कृत और मराठी भाषाओं में प्रस्तुत करती है।

जन सहयोग से पूरा हुआ कार्य

पीतल से बने इस अनूठे संविधान को लोकेश ने पूरी तरह जन सहयोग से पूरा किया। इसमें आम नागरिकों के साथ-साथ वकीलों, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं ने भी अपना योगदान दिया। उन्होंने इसे “संविधान से देश” पहल के तहत तैयार किया, जिसका उद्देश्य लोगों को संविधान के प्रति जागरूक करना और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। आपको बता दें कि लोकेश मंगल की कारीगरी पहले भी चर्चा में रही है। 2023 में उन्होंने 193 देशों के संविधानों की 57 किलो की पुस्तक और भारतीय संविधान सभा का पीतल का मॉडल तैयार किया था। उनके द्वारा बनाए गए कार्यों को न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।

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