नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 23 उम्मीदवारों ने किया नामांकन, सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का शोर अपने चरम पर है. नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब फाइनल लिस्ट का इंतजार है. इस बार कुल 719 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 477 नामांकन रद्द किए गए हैं. 5 फरवरी को होने वाले मतदान और 8 फरवरी को नतीजों के ऐलान के साथ दिल्ली के सियासी भविष्य का फैसला होगा. इस बार सबसे दिलचस्प मुकाबला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर देखने को मिलेगा, जहां सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

नई दिल्ली सीट बनी चर्चा का केंद्र
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस चुनाव का सबसे चर्चित क्षेत्र बन गई है. यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ BJP ने पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और कांग्रेस ने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कुल 40 नामांकन दाखिल हुए थे, जिनमें से 23 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह मुकाबला न केवल केजरीवाल के राजनीतिक कद की परीक्षा होगी, बल्कि यह भी तय करेगा कि दिल्ली में मतदाताओं का झुकाव किस ओर है.

कस्तूरबा नगर और पटेल नगर में शांत लेकिन तीखा मुकाबला
जहां एक ओर नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की भीड़ है, वहीं कस्तूरबा नगर और पटेल नगर विधानसभा क्षेत्रों में केवल 5-5 उम्मीदवार ही चुनावी दंगल में हैं. इन क्षेत्रों में कम उम्मीदवार होने के बावजूद चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प रहने की उम्मीद है. कस्तूरबा नगर से AAP ने रमेश पहलवान, BJP ने नीरज बसोया और कांग्रेस ने अभिषेक दत्त को टिकट दिया है. इसी तरह पटेल नगर में भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

AAP, BJP या कांग्रेस कौन मारेगा बाजी?
दिल्ली में इस बार भी मुख्य मुकाबला AAP, BJP और कांग्रेस के बीच है. पिछली बार के आंकड़ों को देखें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, जबकि BJP केवल 8 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी.

राजनीतिक तापमान बढ़ा
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, दिल्ली में राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है. AAP जहां अपने विकास मॉडल और शिक्षा-स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रही है, वहीं BJP ने महिला समृद्धि योजना और रसोई गैस पर सब्सिडी जैसे लोक-लुभावन वादे किए हैं. दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी प्यारी दीदी योजना और फ्री बिजली-पानी जैसे वादों से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है. दिल्ली की जनता का फैसला इस बार कौन सी नई कहानी लिखेगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा. हालांकि, यह तय है कि इस बार का चुनाव भी सियासी दांव-पेच और जनता के मुद्दों से भरा रहेगा.

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