बिजली की डिमांड में कमी लाने 11 केवी फीडर्स सोलराइज होंगे

मोहन सरकार की साल 2024 की आखिरी कैबिनेट बैठक में हुए अहम फैसले
क्षिप्रा नदी किनारे 29 किमी लंबा घाट बनेगा; सौ फीसदी एरिया को सिंचित बनाने का प्लान

मोहन सरकार की साल 2024 की आखिरी कैबिनेट मीटिंग गुरुवार को आयोजित हुई है। बैठक में मोहन कैबिनेट ने फैसला किया है कि प्रदेश में बिजली की डिमांड में कमी लाने के लिए 11 केवी फीडर्स को सोलराइज किया जाएगा। इससे किसानों को ठंड के दिनों में बिजली देने की डिमांड को पूरा किया जा सकेगा। सरकार ने यह भी तय किया है कि एमपी में सौ फीसदी एरिया को सिंचित बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की डिमांड को देखते हुए 11 केवी फीडर्स को सोलराइज किया जाएगा। इन्हें सोलर प्लांट से जोडऩा है। प्राइवेट सेक्टर भी इन्वेस्ट कर सकता है। भारत सरकार की ओर से प्रति मेगावाट एक करोड़ की सहायता दी जाएगी। इस काम में प्रति मेगावाट 4 करोड़ का खर्च आएगा। योजना में सौ फीसदी लोन मिल जाता है। इसके बाद किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली दी जा सकेगी। साथ ही कार्बन क्रेडिट का लाभ प्रदेश को मिल सके। इस पर भी काम कर रहे हैं।

सौ फीसदी सिंचाई रकबा बनाने प्लान बनेगा
केन बेतवा और पार्वती कालीसिंध चंबल नदी परियोजना से प्रदेश का सिंचाई रकबा बढऩे की स्थिति को देखते हुए मोहन कैबिनेट ने तय किया है कि एमपी को सौ फीसदी सिंचित एरिया बनाया जाएगा। केन बेतवा और पार्वती चंबल कालीसिंध परियोजना से सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलेगा। एमपी का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। इन परियोजनाओं में 90 फीसदी राशि केंद्र और दस फीसदी राज्य सरकार राशि देगी।

नदी परियोजनाओं को मिली मंजूरी
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना में 13 जिलों को लाभ मिलेगा। 6.13 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। कैबिनेट में प्रस्ताव आया है। इसमें बताया गया कि केन-बेतवा और पार्वती कालीसिंध से जुड़ी हुई 19 परियोजनाएं हैं, उसमें से 16 को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दो को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। एक परियोजना पर काम चल रहा है जिसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।

 शिप्रा नदी के किनारे 29 किमी लंबा घाट
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारियों के मद्देनजर सरकार ने तय किया है कि शिप्रा नदी के किनारे 29 किमी का घाट बनाएंगे। चूंकि सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोग आएंगे। इसलिए श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान रख 29 किमी का घाट बनाया जाएगा। जो शनि मंदिर उज्जैन से शुरू होगा। इसकी लागत 771 करोड़ होगी। यह शिप्रा नदी से दाए साइड में शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनेगा।

धरती आबा योजना को कैबिनेट में मंजूरी
विजयवर्गीय ने बताया कि, ट्राइबल एरिया के लिए समेकित योजना के माध्यम से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना में पंचायत भवन, आंगनबाड़ी स्कूल भवन का पंजीयन और शत प्रतिशत लाभ दिलाने के लिए काम करना है। केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत प्रदेश में 52 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। इन गांवों में आदिवासियों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है।

कैबिनेट में इन पर भी हुए फैसले
पॉलिटेक्निक, यूनानी कालेज के डॉक्टर्स को इंटर्नशिप मिलती है। इसमें लाभ देने के लिए महंगाई सूचकांक से जोड़ा है। महंगाई बढऩे के साथ इन्टर्नशिप बढ़ती जाएगी।जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जल्दी मिले, इस व्यवस्था को ऑनलाइन करेंगे। खुद सर्टिफाइड कर लोग प्रमाण पत्र हासिल कर सकेंगे। इसके लिए भटकना नहीं पड़ेगा। गलत सर्टिफाइड करने पर संबंधित व्यक्ति दंडित होगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत अटल ग्रामीण सेवा सदन सभी पंचायतों में बनाया जाएगा। जिसमें गांवों की सभी समस्याओं का निराकरण हो सके। मोहन सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए हैं। इस दौरान सबसे अधिक 94 हजार फॉर्म योजनाओं के लिए उज्जैन में मिले हैं।

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