जनसंख्या बढ़ाने सब्सिडी और कर छूट दे रही चीनी सरकार

बीजिंग। कभी बढ़ती जनसंख्या से परेशान चीन इन दिनों जनसंख्या बढ़ाने के लिए देशवासियों को प्रेरित कर रहा है। इतना ही नहीं जनसांख्यिकी संकट हल करने चीनी सरकार बच्चे पैदा होने पर सब्सिडी देने और अभिभावकों की कर देनदारी में कटौती सहित कई नीतियों को घोषणा की है ताकि दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और जनसांख्यिकी संकट को और गहराने से रोका जा सके। स्टेट काउंसिल या केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जारी निर्देश में प्रसव सहायता सेवाओं को बढ़ाने, बाल देखभाल प्रणालियों का विस्तार करने, शिक्षा, आवास और रोजगार में सहायता को मजबूत करने तथा प्रसव के अनुकूल सामाजिक माहौल बनाने के लिए 13 लक्षित उपायों की रूपरेखा तैयार की गई है। जन्म दर में गिरावट के कारण पिछले वर्ष चीन विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश के मामले में भारत से पिछड़ गया। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नवीनतम पहल में प्रसव पर सब्सिडी देने की व्यवस्था में सुधार और प्रसव से संबंधित व्यक्तिगत आयकर राहत भी शामिल है। प्रमुख प्रावधानों में मातृत्व बीमा योजना का लाभ लचीले रोजगार वाले व्यक्तियों और ग्रामीण प्रवासी श्रमिकों को भी प्रदान करना शामिल है, जो पहले से ही बुनियादी चिकित्सा बीमा योजना का हिस्सा हैं। उपयुक्त प्रसव पीड़ा निवारण और सहायक प्रजनन तकनीक सेवाओं को बीमा प्रतिपूर्ति के लिए पात्र चिकित्सा सेवाओं की सूची में जोड़ा जाएगा।  

 तेजी से बढ रही बुजुर्गों की संख्या
चीन की 1.4 अरब की आबादी में तेजी से वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। इस समय देश की कुल आबादी में 14 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है। चीन की 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी 2023 के अंत तक 30 करोड़ तक पहुंच गई। यह संख्या 2035 तक 40 करोड़ से अधिक हो जाएगी और 2050 तक 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जन्म दर में गिरावट एवं बच्चों के नामांकन में कमी के मद्देनजर हजारों नामी किंडरगार्टन बंद हो गए हैं। विद्यालयों को वृद्धाश्रम में बदला जा रहा है और वहां के कर्मचारियों को बुजुर्गों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।  

Exit mobile version