Dushyant Kumar: कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता…दुष्यंत कुमार पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘एक मशाल हुई’ का प्रदर्शन

भोपाल । कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो दिल से उछालो यारो…। राजधानी भोपाल के उत्साही युवाओं ने एक पत्थर उछाल ही दिया है। साहित्य, काव्य और फिल्म निर्माण क्षेत्र में कदम रखने वाले इन युवाओं ने इस शायर की डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर धमाकेदार एंट्री की है। सुप्रसिद्ध कवि एवं शायर दुष्यंत कुमार पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री ‘एक मशाल हुई’ का प्रदर्शन दोपहर 3 बजे 6 नंबर स्थित दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय में किया गया।

यह प्रदर्शन दुष्यंत कुमार अलंकरण समारोह के अंतर्गत किया गया। इसमें कवि राजेश जोशी, विजय बहादुर सिंह, आनंद मिश्र, राजेंद्र कोठारी एवं दुष्यंत कुमार के पुत्र व साहित्यकार आलोक एवं ममता त्यागी आदि के दुष्यंत कुमार पर केंद्रित संस्मरणों और रोचक बातचीत को सम्मिलित किया गया है।
लगभग 40 मिनट अवधि की इस डॉक्यूमेंट्री की परिकल्पना और निर्देशन प्रशस्त विशाल ने किया है जबकि इसमें सूत्रधार की भूमिका में शिवाजी राय तथा इसके कलापक्ष पर ईशान सक्सेना, अमीन और अंकित बागड़े आदि कलाकारों ने कार्य किया है। डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के वक़्त शहर के कवि, साहित्यकार व अन्य महानीयजन उपस्थित रहे।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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