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अडानी ग्रुप पर सेबी का शिकंजा कसा, 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी

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अडानी समूह की छह प्रमुख कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुए हैं। इन कंपनियों पर आरोप हैं कि उन्होंने संबंधित पक्ष लेनदेन, लिस्टिंग नियमों और ऑडिटर सर्टिफिकेट्स की वैधता के मामले में उल्लंघन किए हैं। इस खबर को स्टॉक एक्सचेंजेज को दी गई रेगुलेटरी फाइलिंग में साझा किया गया है।

नोटिस किन कंपनियों को?

कंपनियों का कहना है कि प्राप्त कानूनी राय के अनुसार, SEBI के नोटिस से उनके व्यावसायिक परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने की संभावना है। फिर भी, अडानी विल्मर और अडानी टोटल गैस को छोड़कर, अन्य सभी कंपनियों के ऑडिटर्स ने क्वालीफाइड ओपिनियन जारी किया है, जिससे भविष्य में इन कंपनियों के वित्तीय विवरणों पर प्रभाव पड़ सकता है। ये नोटिस हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की SEBI जांच के बाद जारी किए गए हैं। यह स्पष्ट किया गया है कि कारण बताओ नोटिस कोई आरोप नहीं हैं, बल्कि SEBI ने इन कंपनियों से यह पूछा है कि क्यों उनके खिलाफ मौद्रिक और कानूनी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने बताया है कि उन पर आरोप हैं कि कंपनी ने आवश्यक मंजूरी नहीं ली है और वित्तीय विवरणों तथा वार्षिक रिपोर्ट में आवश्यक खुलासा नहीं किया है। अडानी पावर ने भी SEBI के नोटिस का जवाब दिया है, जिसमें कंपनी पर कुछ लेन-देन को संबंधित वर्षों के वित्तीय विवरणों में रिपोर्ट नहीं करने और आवश्यक मंजूरी नहीं लेने के आरोप हैं।

SEBI ने अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने 13 संबंधित पक्ष लेनदेन की पहचान की है और उनकी जांच जारी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी 2023 की रिपोर्ट में 6,000 से अधिक संबंधित पक्ष लेनदेन पर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी। हालांकि, समूह ने इन आरोपों का खंडन किया था और हाल के दिनों में शेयरों में तेजी आई है, जिससे उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण हुए अधिकांश नुकसान की भरपाई कर ली है। गौतम अडानी वर्तमान में 99.1 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ विश्व के अमीरों की सूची में 13वें स्थान पर हैं, और इस वर्ष उनकी नेटवर्थ में 14.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।

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