Hyundai: तीन अरब डॉलर जुटाने के लिए देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाएगी हुंडई, एलआईसी को पीछे छोड़ने की तैयारी

दक्षिण कोरिया की वाहन निर्माता हुंडई मोटर की भारतीय इकाई ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए सेबी के पास प्रारंभिक दस्तावेज जमा कराए हैं। कंपनी ने आईपीओ के तहत 14.22 करोड़ शेयर बेचने की पेशकश की है। शेयर बिक्री के लिए सलाहकारों में सिटीग्रुप इंक, कोटक महिंद्रा बैंक, जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और मॉर्गन स्टेनली को शामिल किया गया है।

वित्तीय वर्ष 24 में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड पैसेंजर सेल्स वॉल्यूम के मामले में मारुति सुजुकी के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है। FY23 में हुंडई का राजस्व ₹60,000 करोड़ रुपये रहा जबकि इसका मुनाफा ₹4,653 करोड़ रुपये रहा। यह देश में गैर-सूचीबद्ध कार निर्माताओं में सबसे अधिक है

आईपीओ के माध्यम से हुंडई लगभग 3 बिलियन डॉलर जुटाने की कोशिश करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस आईपीओ के बाद साल के अंत तक संभावित रूप से शेयरों की लिस्टिंग की योजना बनाई गई है। अगर योजना के अनुसार कंपनी का आईपीओ धरातल पर उतरता है तो यह 2022 में आए भारतीय जीवन बीता निगम के $2.5 बिलियन इश्यू को पार करते हुए भारत का सबसे बड़ा आईपीओ बन जाएगा।

हुंडई की ओर से दिए गए विवरण के अनुसार अपनी स्थापना के बाद दिसंबर 2023 तक कंपनी ने अपने भारतीय परिचालन में $5.04 बिलियन (रु. 29740 करोड़ लगभग) का निवेश किया है। हुंडई मोटर्स के वित्तीय वर्ष 2023 के आंकड़े बताते हैं कि कैसे दो दशकों में कंपनी को एक लाभ कमाने वाली फर्म में बदला गया। भारतीय शेयर बाजारों में उम्मीद को देखते हुए कंपनी का मानना है कि प्रवर्तकों के लिए अपनी हिस्सेदारी आंशिक रूप से कम करने का यह सही मौका है। कंपनी का भारतीय परिचालन दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में तेज गति से बढ़ रहा हैं। कंपनी का मानना है कि शेयर बाजार में इसकी लिस्टिंग से इसके मूल्य व पहचान में सुधार होगा।

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