नई दिल्ली । अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे टूटकर 84.31 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही अमेरिकी डॉलर सूचकांक में तेजी से रुपये में यह गिरावट देखने को मिली है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने तथा विदेशी पूंजी की सतत निकासी से कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।
बाजार भागीदारों को यह भी उम्मीद है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस सप्ताह के अंत में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती करेगा, तथा वर्ष 2025 में इसमें एक प्रतिशत तक की और कटौती का अनुमान है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 84.23 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 84.15 के उच्चस्तर और 84.31 के निचले स्तर के बीच कारोबार के बाद अंत में 22 पैसे की गिरावट के साथ 84.31 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो पैसे की बढ़त के साथ 84.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘आशंका है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और एफआईआई की निकासी के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की प्रवृत्ति में वृद्धि और जिंस कीमतों में गिरावट से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।
चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप निचले स्तर पर रुपये को सहारा दे सकता है। इस सप्ताह के अंत में एफओएमसी की बैठक के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। अमेरिकी डॉलर/रुपया की हाजिर कीमत के 84.10 से 84.40 के बीच कारोबार करने का अनुमान है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 1.34 प्रतिशत की मजबूती के साथ 104.80 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.43 प्रतिशत गिरकर 74.45 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 901.50 अंक की तेजी के साथ 80,378.13 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 270.75 अंक की तेजी के साथ 24,484.05 अंक पर बंद हुआ।