नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल द्वारा पॉपकॉर्न पर तीन तरह के टैक्स लागू करने के फैसले के बाद से ही यह चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी बीच एक एक इंडियन स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर ने अधिक कमाई करने वाले लोगों को भारत छोड़ने की सलाह दी है।
फाउंडर ने दावा किया है कि भारत इनोवेशन को रोकता है. उसने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत में टैक्स सबसे ज्यादा है और बुनियादी सुविधाएं सबसे खराब. फाउंडर ने ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारी को भारत छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड जैसे देशों में सेटल होने की सलाह दी है. इस पोस्ट के बाद से Reddit पर बहस छिड़ गई है.
एक स्टार्टअप फाउंडर ने Reddit पर पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘भारत छोड़ने का सही समय आ गया है. भारत एक अद्भुत देश है लेकिन इनोवेशन के लिए यह जगह सही नहीं है.’ हालांकि, बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है. टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पोस्ट को r/india के मॉडरेटर द्वारा हटा दिया गया है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह पोस्ट क्यों हटाई गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्टार्टअप फाउंडर ने दावा किया था कि वह भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद वह अमेरिका से उसने पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है. साल 2018 में वह अमेरिका से वापस भारत आया और आज वह 15 लाख रुपये के औसत वेतन पर लगभग 30 लोगों को रोजगार दिए हुए है.
फाउंडर ने आगे लिखा, ” इसके बावजूद मैं कह रहा हूं कि भारत छोड़ने का यह सही समय है. मैं इसे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में कह रहा हूं जो एक ठीक-ठाक बिजनेस चला रहा है. भारत में कई तरह के ऊल-जलूल नियम इनोवेशन को बढ़ने से रोकते हैं. कुछ भी करने के लिए नौकरशाहों, राजनेताओं या मशहूर हस्तियों से कनेक्शन की जरूरत होती है.
उसने दावा किया कि उसकी कंपनी ने अपने ऐप पर एक धोखाधड़ी के मामले को सुलझाने में पुलिस की सहायता करने और पीड़ितों को उनके पैसे वापस दिलाने में मदद करने के बावजूद, मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत की मांगी गई. उसने आगे कहा कि यहां टैक्स सबसे ज्यादा है और सड़क और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं सबसे खराब.
UAE और थाईलैंड में सेटल होने की सलाह
स्टार्टअप फाउंडर ने भारत में भयानक आर्थिक पतन और रुपये में लगातार गिरावट की चेतावनी देते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात या थाईलैंड सेटल होना ज्यादा बेहतर है. 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए सरकार पॉपकॉर्न जैसी वस्तुओं पर भी हद से ज्यादा टैक्स ले रही है. संक्षेप में अगर कहा जाए तो उस देश को छोड़ दें जहां वे आपके पॉपकॉर्न पर भी टैक्स लगाएंगे. क्योंकि इनके पास 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का कोई और आइडिया नहीं है.