Business: भारत की सबसे पुरानी कंपनी, 1736 में पड़ी नींव, देश विदेश में है प्रतिष्ठा

मुम्बई। भारत में बहुत से कारोबारी घराने हैं, जिनका सिक्‍का देश ही नहीं, विदेश में भी चलता है. इनमें से कई काफी पुराने समय से कारोबार कर रहे हैं. इन सबमें वाडिया समूह, भारत का सबसे पुराना व्यावसायिक समूह है, जिसकी स्‍थापना 1736 में हुई थी. पिछले 288 साल से वाडिया समूह सफलतापूर्वक व्‍यावार कर रहा है. यह समूह अब टेक्सटाइल, एविएशन और फूड जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग जगह बना चुका है. वाडिया समूह के बैनर तले आने वाली कंपनियों में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और बॉम्बे डाइंग जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं. जहाँ ब्रिटानिया भारतीय खाद्य बाजार की अग्रणी कंपनी है, वहीं बॉम्बे डाइंग टेक्सटाइल के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखती है।

लवजी नसरवानजी वाडिया द्वारा शिपबिल्डिंग कंपनी के रूप में शुरू किए गए इस औद्योगिक घराने का नेतृत्‍व अब नुस्ली वाडिया कर रहे हैं. लगभग ₹60,000 करोड़ ($7.2 बिलियन) की कुल संपत्ति के साथ, वाडिया समूह भारत के व्यावसायिक परिदृश्य में अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है. 288 सालों के इस सफर में समूह ने न केवल अपने इतिहास को जीवंत रखा है, बल्कि नवाचार और उत्कृष्टता की नई मिसालें भी कायम की हैं. आईपीएल टीम किंग्‍स इलेवन पंजाब का मालिक भी वाडिया ग्रुप है।

1736 में पड़ी नींव
1702 में सूरत में पैदा हुए पारसी बिजनेसमैन लवजी नुसरवानजी वाडिया (Lovji Nusserwanjee Wadia) ने 1736 में वाडिया ग्रुप की नींव रखी थी. नुसरवानजी वाडिया को 1736 में ईस्‍ट इंडिया कंपनी से जहाज और डॉक्‍स बनाने का कॉन्‍ट्रैक्‍ट मिला और यहीं से कंपनी की शुरुआत हुई. उन्होंने 355 जहाजों का निर्माण किया था. लवजी और उनके भाई सोराबजी ने मिलकर मुंबई का पहला डॉकयार्ड बनाया था, जो एशिया का पहला ड्राय डॉक था।

1840 तक यानी करीब 100 सालों के भीतर यह दुनिया की एक नामी कंपनी बन जाती है. 1863 में वाडिया ग्रुप ने द बांबे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड की नींव रखी. यह भारत की पहली पब्लिक ट्रेडिंग कंपनी भी बनी. समूह ने 1879 में बांबे डाइंग और उसके बाद 1918 में ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज की स्‍थापना की।

वाडिया एक पारसी परिवार है. वाडिया ग्रुप के मौजूदा चेयरमैन नुस्ली वाडिया हैं. उनका जन्म 15 फरवरी 1944 को हुआ था. नुस्ली वाडिया, नेविले वाडिया और डीना वाडिया के पुत्र हैं. डीना वाडिया पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी थीं. उन्‍होंने अपने पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर उन्होंने भारतीय पारसी परिवार में शादी की. नुस्ली वाडिया के दो पुत्र हैं- नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया. ये दोनों समूह के कारोबार को देखते हैं.

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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