Bhopal SAGE Group फर्जीवाड़ा: संजीव अग्रवाल की पत्नी किरण अग्रवाल और बैंक अफसरों सहित 5 लोगों को तीन साल की सजा

भोपाल। भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में सेज ग्रुप के मालिक संजीव अग्रवाल की पत्नी किरण अग्रवाल और बैंक अफसरों सहित 5 लोगों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। जुर्माना भी लगाया है। 
भोपाल में जमीन नीलामी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आाय है। स्पेशल कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी सेज ग्रुप के मालिक संजीव अग्रवाल की पत्नी किरण अग्रवाल को 3 साल के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। उन्होंने बैंक अफसरों से साठगांठ कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।

कोर्ट ने इन्हें सुनाई सजा
विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) मनोज कुमार सिंह की अदालत ने किरण अग्रवाल और कोमल लुल्ला सहित 5 लोगों को तीन-तीन साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। स्पेशल कोर्ट ने सहकारी बैंक के तत्कालीन विक्रय अधिकारी विजेंद्र कौशल, संयुक्त पंजीयक अशोक मिश्रा, सहकारिता निरीक्षक APS कुशवाह को भी दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।

कौड़ियों के दाम खरीदी किसान की जमीन
बकानिया गांव के किसान अशोक शर्मा ने 1995 में मोटर और पंप के लिए सहकारी बैंक से 29 हजार कर्ज लिया था। अफसरों ने 2007 में उनकी 4.92 एकड़ कृषि भूमि कौड़ियों के दाम नीलाम करा दी। मामले में फर्जी नोटशीट तैयार करने और बिना जांच नीलामी को मंजूरी देने की बात सामने आई है। लोकायुक्त ने जांच के बाद चार्जशीट पेश की। जिस पर सुनवाई करते हुए स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई।

सरकार को भी हुआ नुकसान
सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, किसान अशोक शर्मा की 4.92 एकड़ जमीन 3 लाख 98 हजार रुपए थी, लेकिन बैंक अफसरों ने गोलमाल कर इसे महज 1 लाख 50 हजार रुपए में नीलाम कर दिया। मिलीभगत के इस खेल में न सिर्फ किसान, बल्कि सरकार को स्टाम्प ड्यूटी में भी नुकसान हुआ है। सरकारी रेट के अनुसार किसान को 2 लाख 48 हजार रुपए का नुकसान हुआ। हालांकि, जमीन का मार्केट रेट बहुत ज्यादा है।

इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा

    लोकायुक्त की जांच में कई तरह के खेल सामने आए हैं। बैंक अधिकारियों ने नीलामी के लिए गलत प्रक्रिया अपनाई। कागजात में हेराफेरी कर जमीन को कम कीमत पर बेचा। आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के लिए दोषी पाया गया है।  किरण अग्रवाल और कोमल लुल्ला ने बैंक अधिकारियों से मिलकर जमीन खरीदी है। हालांकि, कोर्ट को उन्होंने बताया है कि जमीन उन्होंने नीलामी प्रक्रिया के हिसाब से खरीदी है।  किरण अग्रवाल की ओर से यह भी बताया गया कि वह एक गृहिणी हैं। इस संबंध में उन्हें कुछ नहीं पता। पति जहां कहते हैं, वहां हस्ताक्षर कर देती हैं। 

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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